कथेतर
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किताबें, महंगाई और पाठकीय निर्णय
देवेश पथ सारिया हिन्दी के सुपरिचित युवा कवि हैं। उनकी प्रकाशित पुस्तकों में कविता संकलन : नूह की नाव (2022), कहानी संग्रह :…
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साहित्य का लक्ष्य सत्य के साथ खड़े होना है : उर्मिला शिरीष
उर्मिला शिरीष जी के बारे में जितना भी लिखा जाए कम है। वे एक चर्चित कहानीकार, उपन्यासकार एवं कुशल संपादक…
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श्याम बेनेगल की फिल्मों में स्त्री की भूमिका
दिल्ली में जन्मी युवा लेखिका बालकीर्ति ने एम. एड. की शिक्षा प्राप्त की है, उनकी रचनाएं विविध पत्र-पत्रिकाओं यथा अलाव, समकालीन अभिव्यक्ति,…
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हमारे युग का बडे़ पैमाने पर बौद्धिक सतहीकरण हुआ है : शंभुनाथ
हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक और विचारक शंभुनाथ कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर रहे हैं। वे केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक के…
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एक वर्ग के खुश रहने से देश नहीं चलता : नासिरा शर्मा
नासिरा शर्मा हिंदी की प्रसिद्ध कहानीकार और लेखिका हैं। इलाहाबाद में जन्मी नासिरा शर्मा को साहित्य विरासत में मिला। नासिरा…
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कोई भी आलोचक किसी पत्थर को कवि नहीं बना सकता : एकान्त श्रीवास्तव
बहुमुखी प्रतिभा के धनी एकांत श्रीवास्तव जी का जन्म 08 फरवरी 1964 को रायपुर (छत्तीसगढ़) में हुआ। वे मूलतः कवि…
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महाकवि आंडाल की खोज में
वरिष्ठ कवि और पत्रकार सुभाष राय ने पिछले दिनों कर्नाटक की एक विलक्षण संत कवि ‘अक्क महादेवी’ (12वीं शताब्दी) पर एक…
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कवि का आत्मकथ्य : चंद्रेश्वर
वरिष्ठ कवि-आलोचक चंद्रेश्वर का यह संस्मरण केवल इस विधागत रूप में प्रस्तुत एक कवि का आत्मकथ्य नहीं है, बल्कि आजादी…
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साहित्य मिटाने के लिए नहीं, निर्माण के लिए होता है
कमल किशोर गोयनका मुंशी प्रेमचन्द के जीवन, विचार तथा साहित्य के शोध पर लगभग 52 वर्षों से निरंतर कार्यरत हैं,…
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जब तक इंसान है, साहित्य बचा रहेगा, भले ही समय के साथ रूप बदल जाए
(संजय चौबे नई सदी में उभरे उन कुछ तेजस्वी लेखकों में शुमार हैं, जो अपने समय के सवालों से बचने…
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